Saturday, August 13, 2011
आज रक्षा बंधन है अपनी उन तमाम बहनों के लिए जो मुझ से दूर हैं / आदिल रशीद
एक शेर ........
बड़े नादान हो राखी को तुम राखी ही कहते हो
तुम्हे मालूम है क्या क्या बंधा है इसके धागों में
बताओ तुम हमें क्या खून का रिश्ता ही रिश्ता है
बहुत से ग़ैर बंध जाते हैं इसके कच्चे धागों में
आदिल रशीद
13-08 -2011
bade nadan ho rakhi ko tum rakhi hi kehte ho
tumhe maloom hai kya kya bandha hai iske dhago me
batao tum hame kya khoon ka rishta hi rishta hai
bahut se gair bandh jate hain iske kachche dhagon me
aadil rasheed
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