Friday 4 November 2011

एक शेर हुस्ने मुजस्सम by aadil rasheed husne mujassam


मैं  ने  जो तेरे शरीर के  एक एक हिस्से पर शेर कहे हैं बालों से शुरू होकर पैर के नाखून तक अगर उन सभी शेरों को एक क्रम में रख दूँ  तो तू नज़र आने लगे ....आदिल रशीद मंसूरी

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