Aadil Rasheed
jo guzarti hai bas wo kehta hun warna mera ghazal se kya rishta aadil rasheed
Friday, 4 November 2011
एक शेर हुस्ने मुजस्सम by aadil rasheed husne mujassam
एक शेर
हुस्ने मुजस्सम= पुतला जैसा हुस्न
अशआर = शेर का बहुबचन
तरतीब = क्रम से
मैं ने जो तेरे शरीर के एक एक हिस्से पर शेर कहे हैं बालों से शुरू होकर पैर के नाखून तक अगर उन सभी शेरों को एक क्रम में रख दूँ तो तू नज़र आने लगे ....आदिल रशीद मंसूरी
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